Daily Archives: April 17, 2021

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ध्यान से प्रकृती की ओर…

ध्यान में ये ध्यान लागे ऐसे। नित पथ कौनसा देख पायें।।धृ।। भोर ही भोर जंहा छायें । गहरे रंग के नही ये सायें। उदय निश्चिंती प्रकृती प्रतिमा। रोशनीभरी उजियारी गरिमा। छाये भला अंधेरा किस तरह से।।१।। दिखलांऊ वो भोर किस राहों से । मुग्ध गगन के झिलमील सांये। फिर उभर […]